अपडेटेड 11 June 2025 at 18:21 IST
Interesting facts about Tino Best: वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज टिनो बेस्ट (Tino Best) ने अपनी आत्मकथा में एक ऐसा सनसनीखेज खुलासा किया है, जिसने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। बेस्ट ने किताब के ज़रिए न सिर्फ अपने करियर की ऊंचाइयों और उतार-चढ़ाव को साझा किया, बल्कि ड्रेसिंग रूम के अंदर के कुछ गोपनीय और विवादास्पद पलों को भी उजागर कर दिया। टिनो बेस्ट ने जब बारबाडोस के लिए अपने प्रथम श्रेणी करियर की शुरुआत की, तो उन्होंने पांच मैचों में 17 विकेट लेकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर उन्हें 2003 में फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट में, अपने घरेलू मैदान पर वेस्टइंडीज़ की टेस्ट टीम में जगह मिली।
उनका सबसे यादगार प्रदर्शन साल 2005 में आया, जब पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ के दूसरे मैच में उन्होंने तूफानी गेंदबाज़ी करते हुए महज 11 गेंदों के भीतर पाकिस्तान के चार विकेट गिरा दिए। उस दौरान उन्होंने पाकिस्तानी बल्लेबाज़ी क्रम को हिला कर रख दिया। लेकिन उनके इस बेहतरीन प्रयास के बावजूद वेस्टइंडीज़ की टीम 136 रनों से मैच हार गई। करियर की शुरुआत में बेस्ट ने तेज़ गेंदबाज़ी में जिस जुनून और क्षमता की झलक दिखाई, उससे क्रिकेट प्रेमियों को उनसे बड़ी उम्मीदें थीं। लेकिन चोटों, अस्थिर प्रदर्शन और टीम चयन की जटिलताओं के चलते उनका अंतरराष्ट्रीय करियर अपेक्षाकृत छोटा ही रहा। टिनो बेस्ट की कहानी एक ऐसे खिलाड़ी की है, जिसने तूफानी आग़ाज़ तो किया, लेकिन क्रिकेट के आसमान में ज्यादा देर तक उड़ान नहीं भर सका।
टिनो बेस्ट ने अपनी आत्मकथा 'Mind the Windows: My Story' में न सिर्फ अपने क्रिकेट करियर की बात की, बल्कि अपनी निजी ज़िंदगी के कई अनछुए पहलुओं को भी बेबाकी से साझा किया है। उन्होंने लिखा है कि उनका पहला प्यार मेलिसा थी, लेकिन यह रिश्ता लंबे समय तक नहीं टिक सका और दोनों अलग हो गए। इस ब्रेकअप के बाद बेस्ट की ज़िंदगी ने एक नया मोड़ लिया। बेस्ट बताते हैं कि मेलिसा से अलग होने के बाद उन्होंने खुद को 'प्लेबॉय' बना लिया था। उन्होंने यह दावा भी किया कि उनका 500 से ज्यादा महिलाओं के साथ रिश्ता रहा है, और इसी वजह से वो खुद को मज़ाक में 'ब्लैक ब्रैड पिट' कहा करते थे। हालांकि बेस्ट यह भी साफ करते हैं कि उनकी रंगीन ज़िंदगी का उनके क्रिकेट करियर पर कोई असर नहीं पड़ा। वह अपनी फिटनेस, ट्रेनिंग और प्रदर्शन को लेकर हमेशा गंभीर रहे। इस आत्मकथा में जहां एक तरफ बेस्ट की तेज़ गेंदबाज़ी और क्रिकेट के प्रति उनका जुनून झलकता है, वहीं दूसरी ओर उनकी व्यक्तिगत ज़िंदगी के अनुभव, असफल रिश्ते और आत्ममंथन भी दिखाई देता है। यह किताब टिनो बेस्ट को एक खिलाड़ी से कहीं ज्यादा, एक इंसान के रूप में समझने का मौका देती है, जिसमें जुनून भी है, ग्लैमर भी, और आत्मस्वीकृति की सच्चाई भी।
टिनो बेस्ट ने अपनी आत्मकथा "Mind the Windows: My Story" में अपनी क्रिकेट यात्रा के साथ-साथ निजी ज़िंदगी के कुछ दिलचस्प और चर्चित पहलुओं पर भी रोशनी डाली है। किताब में उन्होंने खुलासा किया कि वह दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कई महिलाओं के संपर्क में आए, लेकिन उनके दिल में खास जगह ऑस्ट्रेलिया की महिलाओं के लिए थी। बेस्ट ने लिखा, 'दुनिया में सबसे खूबसूरत लड़कियां ऑस्ट्रेलिया की हैं। वे अद्भुत होती हैं और अपनी फिटनेस पर काफी ध्यान देती हैं।' उनके मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की महिलाएं न सिर्फ खूबसूरत होती हैं, बल्कि आत्मविश्वास और फिजिकल फिटनेस के मामले में भी वे बाकियों से आगे हैं। यह स्वीकारोक्ति उनके बेबाक अंदाज़ को दर्शाती है, जहां वह न केवल अपनी क्रिकेट उपलब्धियों की बात करते हैं, बल्कि अपनी पसंद, अनुभव और आकर्षणों को भी बिना किसी हिचक के सामने रखते हैं। टिनो बेस्ट की यह आत्मकथा क्रिकेट की दुनिया से बाहर उनकी ज़िंदगी की झलक भी देती है एक ऐसी ज़िंदगी जो जितनी तेज़ और उथल-पुथल से भरी है, उतनी ही खुलकर जी गई है।
जुलाई 2005 में श्रीलंका के खिलाफ कैंडी में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में टिनो बेस्ट का आक्रामक रवैया उनके लिए भारी पड़ गया। मैच के दौरान उन्होंने तीन खतरनाक बीमर (ऐसी गेंदें जो सीधे बल्लेबाज़ के सिर की ओर जाती हैं) फेंकीं, जिन्हें क्रिकेट के नियमों में बेहद खतरनाक और अनुशासनहीन माना जाता है। इस लापरवाही और संभावित रूप से जानलेवा गेंदबाज़ी के चलते आईसीसी ने उन पर कार्रवाई करते हुए उनकी कुल मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माने के तौर पर काट लिया। यह घटना टिनो बेस्ट के करियर के उन पलों में से एक थी, जहां उनका तेज़ गेंदबाज़ी का जोश नियमों की सीमा लांघ गया। यह प्रकरण उनके करियर के उस दौर को दर्शाता है, जब उनकी गेंदबाज़ी में रफ़्तार तो भरपूर थी, लेकिन कभी-कभी नियंत्रण की कमी उन्हें मुश्किलों में डाल देती थी।
साल 2012 में एजबेस्टन में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में टिनो बेस्ट ने अपनी बल्लेबाजी से सबको चौंका दिया। 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने न केवल महत्वपूर्ण पारी खेली बल्कि 95 रन की आकर्षक पारी खेलकर टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया। यह पारी टेस्ट क्रिकेट में नंबर 11 पर बल्लेबाज द्वारा खेली गई दूसरी सबसे बड़ी पारी का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। यह प्रदर्शन उनके लिए एक यादगार पल था, जिसने साबित कर दिया कि टिनो बेस्ट सिर्फ तेज गेंदबाज ही नहीं, बल्कि क्रिकेट के मुश्किल हालात में भी उपयोगी खिलाड़ी थे। बेस्ट ने अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच जनवरी 2014 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन में खेला। इस मैच के साथ ही उनके इंटरनेशनल क्रिकेट करियर का अंत हुआ। हालांकि उनका करियर लंबा नहीं रहा, लेकिन उनके कुछ खास पलों ने उन्हें क्रिकेट इतिहास में एक अलग पहचान दिलाई।
ऐसा रहा टिनो बेस्ट का क्रिकेट करियर
पब्लिश्ड 11 June 2025 at 18:21 IST