अपडेटेड 18 June 2025 at 20:46 IST
आज की तेज़ और व्यस्त लाइफस्टाइल में स्ट्रेस और एंग्जायटी एक आम समस्या बन चुकी है। हर व्यक्ति किसी न किसी कारण से मानसिक दबाव में रहता है, जिसका सीधा असर उसकी फिजिकल, मेंटल और इमोशनल हेल्थ पर पड़ता है। ऐसे में योग एक ऐसा माध्यम है जो शरीर के साथ-साथ मन और भावनाओं को भी संतुलित करता है। योग न सिर्फ तनाव को कम करता है बल्कि मन की स्पष्टता (Mental Clarity) और भावनात्मक संतुलन (Emotional Balance) को बढ़ाने में भी बेहद प्रभावी है। इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, आइए जानते हैं ऐसे 5 प्रभावशाली योगासन, जो आपकी मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन को बेहतर बना सकते हैं
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं बल्कि मन और भावनाओं को संतुलित करने का एक प्रभावी तरीका भी है। योग करते समय हम गहरी सांसें लेते हैं, ध्यान करते हैं और अपने शरीर और मन के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं। इस प्रक्रिया से नकारात्मक विचारों में कमी, एंग्जायटी में राहत और मानसिक स्पष्टता (मेंटल क्लैरिटी) मिलती है। जब भावनात्मक संतुलन बेहतर होता है, तो हमारे रिश्ते भी मजबूत बनते हैं। हम अधिक सहनशील, समझदार और संवेदनशील बनते हैं। एक शांत और स्थिर मन हमें बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाता है, जिससे हमारे जीवन की गुणवत्ता में भी स्पष्ट रूप से सुधार होता है। योग न सिर्फ मानसिक शांति देता है, बल्कि यह हमारे रोज़मर्रा के जीवन को भी अधिक संतुलित और सकारात्मक बनाता है।
बालासन एक सरल लेकिन प्रभावी योग आसन है, जो तनाव (स्ट्रेस) और एंग्जायटी को कम करने में मदद करता है। यह आसन शरीर को गहरी रिलैक्सेशन की स्थिति में लाकर मन को शांत करता है और मानसिक थकान को दूर करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोने से पहले बालासन का अभ्यास करने से दिनभर की थकान दूर होती है, नींद बेहतर आती है और शरीर व मन दोनों को आराम मिलता है। यह आसन विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो रोज़मर्रा की भागदौड़ में मानसिक रूप से थके हुए महसूस करते हैं। बालासन न केवल मानसिक सुकून देता है, बल्कि यह पीठ, कंधों और गर्दन में जमे तनाव को भी कम करता है, जिससे आप दिन की समाप्ति शांति और सुकून के साथ कर सकते हैं।
भुजंगासन (Cobra Pose): छाती, फेफड़ों और मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान होता है। योगासन में भुजंगासन एक बेहद प्रभावशाली मुद्रा मानी जाती है। इसका नाम संस्कृत शब्द 'भुजंग' यानी सांप से लिया गया है, क्योंकि इस आसन में शरीर की आकृति फन फैलाए हुए सांप जैसी होती है। भुजंगासन न केवल शरीर को लचीलापन प्रदान करता है, बल्कि यह मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वृक्षासन एक ऐसा योग आसन है जो शरीर में संतुलन (बैलेंस) और मन में एकाग्रता (फोकस) बढ़ाने में सहायक होता है। इस आसन का अभ्यास करते समय शरीर स्थिर रहता है, जिससे मन भी स्थिरता की ओर अग्रसर होता है। यह आसन न सिर्फ मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है, बल्कि इमोशनल बैलेंस पाने में भी मदद करता है। नियमित रूप से वृक्षासन करने से व्यक्ति अधिक शांत, संयमित और संतुलित महसूस करता है, जिससे जीवन के उतार-चढ़ाव को संभालना आसान हो जाता है। वृक्षासन आत्म-नियंत्रण को मजबूत करता है और मानसिक स्पष्टता के साथ-साथ आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।
शवासन योग का एक ऐसा आसन है, जिसमें शरीर पूरी तरह से रिलैक्स होता है और मन गहराई से शांत हो जाता है। यह आसन देखने में जितना सरल लगता है, प्रभाव में उतना ही गहरा और असरदार है।
शवासन के दौरान शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दिया जाता है, जिससे तनाव धीरे-धीरे कम होता है और व्यक्ति एक आंतरिक शांति और संतुलन का अनुभव करता है। यह आसन विशेष रूप से इमोशनल इंबैलेंस और मेंटल स्ट्रेस से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है। रोज़ाना शवासन का अभ्यास करने से मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक स्थिरता और जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलता है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली श्वास तकनीक है, जो न केवल तनाव और चिंता को कम करती है, बल्कि मेंटल क्लैरिटी, फोकस और आंतरिक शांति को भी बढ़ाती है। यह तकनीक प्राचीन योग परंपरा का हिस्सा है और आज की व्यस्त, तनावपूर्ण जीवनशैली में मानसिक संतुलन बनाए रखने में बेहद उपयोगी साबित हो रही है।
पब्लिश्ड 18 June 2025 at 20:46 IST