अपडेटेड 4 June 2025 at 21:55 IST
जातीय जनगणना को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। देश में रहने वाली आबादी के लिए एक दशक में एक बार होने वाली जनगणना, जिसमें उनकी आयु, नौकरी, अन्य विवरण के बारे में जानकारी शामिल है, 1 मार्च 2027 से शुरू होगी। बता दें, जो यह जनगणना होगी, इसमें जाति के आंकड़े भी शामिल होंगे। कुछ राज्यों में जाति के आंकड़े इकट्ठा करने की प्रक्रिया अक्टूबर 2026 से शुरू होगी।
लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जाति के आंकड़े एकत्र करने की प्रक्रिया अक्टूबर 2026 से शुरू होने की उम्मीद है। आगामी जनगणना प्रक्रिया दो चरणों में आयोजित की जाएगी। इस प्रक्रिया में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग प्रश्नों के आधार पर डेटा संग्रह शामिल है।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने जाति जनगणना को लेकर बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, "जातियों के साथ-साथ वर्गों का भी कॉलम आना चाहिए। इन लोगों की मंशा ठीक नहीं है। बिहार चुनाव को देखते हुए इन्होंने इसका ऐलान किया है। हम लोगों का दबाव था, ये हम लोगों की जीत थी। हम लोगों की पुरानी मांग रही है, तो इनको कैबिनेट से पास करना पड़ा।"
उन्होंने कहा कि अब ये कह रहे हैं, दो चरणों में होगी। हम तो कह रहे हैं, जातियों के साथ हम लोग वर्गों का भी कराएंगे। आखिर पता चले कितनी जातियां हैं और कितने ओबीसी हैं, वर्ग का कॉलम भी आना चाहिए। हम मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखने वाले हैं।
राजद नेता ने कहा कि बिहार में जो हमारी महागठबंधन की सरकार ने आरक्षण बढ़ाया, टोटल 75 प्रतिशत को शेड्यूल-9 में डाला जाए। भारत सरकार या अमित शाह, इसपर क्यों नहीं कुछ बोलते हैं। आपने बिहार के आरक्षण को शेड्यूल-9 में ना रखकर कोर्ट-कचहरी में फंसाने का काम आपके लोगों ने किया है। जात के साथ-साथ वर्गों का भी हम इन लोगों से करवाने का काम करेंगे। इनकी मंशा ठीक नहीं रहती है, ये संविधान विरोधी लोग हैं। ये लोग तो चाहते हैं किसी प्रकार बिहार का चुनाव निकल जाए, ये ढंग से करेंगे भी नहीं। ये सब लोग जान रहे हैं, लेकिन ये हमारे दबाव में बिहार चुनाव को देखते हुए हुआ है। जाति के साथ-साथ वर्ग का कॉलम भी होना चाहिए।
तारीखों के ऐलान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "मतलब जब आयेगी यूपी में पीडीए सरकार, तब ही होगी जातीय जनगणना की शुरुआत।"
पब्लिश्ड 4 June 2025 at 21:55 IST