अपडेटेड 20 June 2025 at 17:26 IST
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एकादशी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है।
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वैदिक पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह में योगिनी एकादशी मनाई जाती है यह व्रत हर वर्ष निर्जला एकादशी के बाद और दिलीप सैनी एकादशी से पहले पड़ता है।
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पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 21 जून को सुबह 7:18 से शुरू होगी, वहीं 22 जून को सुबह 4:27 पर समाप्त होगी ऐसे में 21 जून को योगिनी एकादशी का व्रत किया जाएगा।
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एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि को करना चाहिए योगिनी एकादशी के व्रत का पारण 22 जून रविवार को दोपहर 1:28 से 4:03 तक कर सकते हैं।
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योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करके और मंदिर में गरीब लोगों को अन्य धन और कपड़े आदि चीजों का दान करना चाहिए।
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योगिनी एकादशी के व्रत से 88,000 ब्राह्मणों को भोज करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है मान्यता है कि व्रत को रखने से न सिर्फ उन्नाव से पापों से मुक्ति मिलती है बल्कि जीवन में सुख समृद्धि भी आती है।
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धार्मिक मान्यता के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत पापों का नाश करने वाला है और इस व्रत का पालन करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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पब्लिश्ड 20 June 2025 at 17:14 IST